बढ़ई (सुतार) और उसके औजार
बढ़ई को सुतार, खाती आदि नामों से जाना जाता है और ये भारत में परंपरागत रूप से लकड़ी के सामान बनाने का काम करते हैं. अंग्रेजी भाषा में इन्हें Carpenter कहते हैं. लकड़ी के दरवाजे, खिड़कियां, पलंग, अलमारी, कुर्सी, मेज, आदि से लगाकर अन्य शिल्पकारों और मजदूरों के लकड़ी से बननेवाले औजार ये ही लोग बनाया करते हैं. लड़ी से बननेवाले नाव हों, बैलगाड़ी या इक्का-तांगा सबमे इनकी कारीगरी दिखती है। ये लोग लकड़ी पर नक्कासी का काम भी करते हैं.
बढ़ई के औजार |
छेद (सुराख़) करने के लिए रस्सी के सहारे घूमने वाली छेद करने का यंत्र काम में लिया जाता है जिसका हिंदी नाम किसी पाठक को पता हो तो बताने का कष्ट करें. स्क्रू (पेंच) कसने के लिए पेचकस का इस्तेमाल होता है और कील निकलने के लिए प्लायर (हिंदी नाम?) का.
भारतीय शिल्प, शिल्पी एवं उनके औजार नाम के इस ब्लॉग में अलग अलग पोस्ट के माध्यम से भिन्न भिन्न प्रकार के कारीगरों/शिल्पियों के काम के औजारों का हिंदी/देसी नाम संकलित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस सम्वन्ध में आपको कोई जानकारी हो तो कॉमेंट में लिख कर जानकारी साझा करने का कष्ट करें.
ज्योति कोठारी
Chhed Karne Wala ka girmit kahlata hai
ReplyDeleteJisko aap player KAH rahe hai wah jamaura kahlata hai
बरमा
ReplyDeleteछेद (सुराख) करने के लिए रस्सी के सहारे घूमने वाली छेद करने का यंत्र काम में लिया जाता है।
साबर
कील निकालने के लिए प्रयुक्त।
अन्य औजार...
ReplyDeleteबसुला
बटाम
कचक
बटाली
खतकस
बरमा
रंदा
हथौड़ा
छेनी
रेती
साबर
आरी
Rand
Deleteप्लायर को हम हिंदी में पकड या पक्कड कह सकते हैं;क्योंकि यह औजार पकडने का कार्य करता है।
ReplyDelete"बढई के औजार" नामक आपका लेख सुंदर है,ज्योति कोठारीजी;धन्यवाद।
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